नमामि शमीशान निर्वाण रूपं हिंदी में |Namami shamishan lyrics in hindi|Namami Shamishan Nirvan Rupam pdf download|नमामि शमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
हेलो फ्रेंड्स pdfyojna.com में आपका फिर से स्वागत है|आज की इस पोस्ट के माध्यम से आप Namami Shamishan PDF In Hindi डाउनलोड कर सकते हैं नमामि शमीशान यह एक मंत्र है इसकी रचना महान स्वामी तुलसीदास के द्वारा किया गया था| इसे रुद्राष्टकम तुलसीदासकृतम के नाम से भी जाना जाता है |
यह हिंदू धर्म के ग्रंथ से संबंधित है यदि आप नमामि शमीशान मंत्र के पीडीएफ को डाउनलोड करना चाहते हैं तो आपको डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है जहां से आप इस मंत्र का पीडीएफ फॉरमैट प्राप्त कर सकते हैं|
Namami Shamishan PDF In Hindi Details
PDF Name | Namami Shamishan PDF |
Language | Hindi and Sanskrit |
No. of Pages | 03 |
PDF Size | 72 KB |
Last Update | May 2023 |
Source | PDFYojna.com |
Category | Religion & Spirituality |
Table of Contents
नमामि शमीशान निर्वाण रूपं हिंदी में|Namami shamishan Nirvan Roopam Lyrics PDF
नमामि शमीशान हिंदू धर्म के अनुसार बहुत ही लाभकारी मंत्र है इस मंत्र का उच्चारण करने के लिए आपको सर्वप्रथम स्नान करना चाहिए यह मंत्र स्वामी तुलसीदास के द्वारा रजा क्या है हिंदू ग्रंथ के अनुसार माना जाता है कि यदि आप नमामीशमीशान मंत्र का जाप करते हैं तो आपको बहुत ही लाभकारी संकेत मिलता है|
|| नमामि शमीशान ||
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है – मैं ब्रम्हांड के राजा को नमन करता हूं जिसका रूप मुक्ति है वेदों के रूप में प्रकट होता है सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी ब्रह्मा है| मैं भगवान शंकर की पूजा करता हूं, अपनी महिमा में चमकते हुए बहुत ही गुणों से रहित, अविभाज्य ,इच्छा रहित चेतना के सर्वव्यापी आकाश और गगन को ही अपने वस्त्र के रूप में धारण करते हैं|
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है – मैं सर्वोच्च भगवान को नमन करता हूं ओम का निराकार स्रोत, सभी का स्वर सभी स्थितियों और अवस्थाओं को पार करते हुए वाणी ,समाज और इंद्रिय बोध से परे विस्मयकारी लेकिन, दयालु कैलाश के शासक, मृत्यु के भक्षक सभी गुणों के अमरधाम हैं|
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है जो हिमाचल के समान गौरवर्ण तथा गंभीर हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की ज्योति एवं शोभा है, जिनके सिर पर सुंदर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर द्वितीया का चंद्रमा और गले में सर्प सुशोभित है.
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है जिनके कानों में कुंडल शोभा पा रहे हैं. सुंदर भृकुटी और विशाल नेत्र हैं, जो प्रसन्न मुख, नीलकंठ और दयालु हैं. सिंह चर्म का वस्त्र धारण किए और मुण्डमाल पहने हैं, उन सबके प्यारे और सबके नाथ श्री शंकरजी को मैं भजता हूं.
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है – प्रचंड, श्रेष्ठ तेजस्वी, परमेश्वर, अखण्ड, अजन्मा, करोडों सूर्य के समान प्रकाश वाले, तीनों प्रकार के शूलों को निर्मूल करने वाले, हाथ में त्रिशूल धारण किए, भाव के द्वारा प्राप्त होने वाले भवानी के पति श्री शंकरजी को मैं भजता हूं.
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
Namami Shamishan lyrics in Hindi
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है – कलाओं से परे, कल्याण स्वरूप, प्रलय करने वाले, सज्जनों को सदा आनंद देने वाले, त्रिपुरासुर के शत्रु, सच्चिदानन्दघन, मोह को हरने वाले, मन को मथ डालनेवाले हे प्रभो, प्रसन्न होइए, प्रसन्न होइए.
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है – जब तक मनुष्य श्री पार्वतीजी के पति के चरणकमलों को नहीं भजते, तब तक उन्हें न तो इस लोक में, न ही परलोक में सुख-शांति मिलती है और अनके कष्टों का भी नाश नहीं होता है. अत: हे समस्त जीवों के हृदय में निवास करने वाले प्रभो, प्रसन्न होइए.
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है – मैं न तो योग जानता हूं, न जप और न पूजा ही. हे शम्भो, मैं तो सदा-सर्वदा आप को ही नमस्कार करता हूं. हे प्रभो! बुढ़ापा तथा जन्म के दुख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दुखों से रक्षा कीजिए. हे शंभो, मैं आपको नमस्कार करता हूं.
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।।
इस श्लोक का हिंदी अर्थ है -जो भी मनुष्य इस स्तोत्र को भक्तिपूर्वक पढ़ते हैं, उन पर भोलेनाथ विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं|
Namami Shamishan Nirvan Rupam Pdf download
नाम एम समाज सिंह प्रिया को डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे डाउनलोड लिंक दिया गया है जहां से आप इस मंत्र का पीडीएफ फॉरमैट अपने डिवाइस में डाउनलोड कर सकते हैं|
Namami Shamishan PDF Conclusion:
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपके साथ Namami Shamishan PDF In Hindi शेयर किया हमें उम्मीद है कि आप इस मंत्र का सही उपयोग करेंगे एवं इस फॉर्मेट को आप डाउनलोड कर चुके होंगे अगर डाउनलोड करने में किसी भी तरह की कोई भी समस्या आती है तो आप हमें इस पोस्ट के नीचे कमेंट के माध्यम से अपनी समस्या अवश्य बताएं|